यूं ही नहीं भटक जाता हून मैं,
सांस बन सिने मैं अटक जाता हून मैं
खाली हाथ लौटते वक्त थोडा मुस्कुरा लेता हून,
घर के अंदर ना सही, कम से कम घर तक तो जाता हून मैं.. राहुल…
यूं ही नहीं भटक जाता हून मैं,
सांस बन सिने मैं अटक जाता हून मैं
खाली हाथ लौटते वक्त थोडा मुस्कुरा लेता हून,
घर के अंदर ना सही, कम से कम घर तक तो जाता हून मैं.. राहुल…