जब मैं ढुंढुं अल्मारी कोई खोई किताब, तेरी तस्वीर मिले, मेरी आंख मैं झांकती हूई, जब बच्चे पूच्छे पापा ये कोन, मेरी उंगलियां, रसोई मैं तुम्हारी तरफ हो. जब मिले कोई चिट्टी, मेरी किसी पुरानी शर्ट मैं, बच्चे जीसे पढा कर दिखाये वो चिट्टी वो शक्स तुम हो.

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